Table of Contents हम कागज़ नहीं दिखायेंगे कविता |
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
तानाशाह आके जायेंगे
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
तानाशाह आके जायेंगे
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
तुम आंसू गैस उछालोगे
तुम ज़हर की चाय उबालोगे
हम प्यार की शक्कर घोल के इसको
गट-गट-गट पी जायेंगे
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे।
ये देश ही अपना हासिल है
जहां राम प्रसाद भी बिस्मिल है
मिट्टी को कैसे बांटोगे,
सबका ही खून तो शामिल है
ये देश ही अपना हासिल है
जहां राम प्रसाद भी बिस्मिल है
मिट्टी को कैसे बांटोगे,
सबका ही खून तो शामिल है
तुम पुलिस से लट्ठ पड़ा दोगे
तुम मेट्रो बाँदा करादोगे
हम पैदल-पैदल आएंगे
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे।
हम मंजी यहीं बिछाएंगे,
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे।
हम संविधान को बचाएंगे,
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे।
हम जन-गन-मन भी जाएंगे,
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे।
तुम जात-पात से बांटोगे,
हम भात मांगते जायेंगे,
हम कागज़ नहीं दिखाएंगे।